नजरिया न्यूज़ अररिया। भारत में लंबे समय से पोर्न साइटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग सरकार से होती रही है, और इस पर प्रतिबंध लगनी भी चाहिए। इससे हमारी युवा पीढ़ी मानसिक रोगास्तत्र तो हो हीं रहे है साथ हीं छोटे बच्चे भी जाने अंजाने में इसे देख लेते हैं।हलांकि ऐसे मामले अभी कम हैं।हमारी सभ्यता संस्कृति ने हमेशा नारी का सम्मान करना सिखाया है,इसलिए हमें हमेशा यह याद रखना चाहिए की वह केवल दैहिक सुख देने की मशीन नहीं है। बात हम सभ्रांत व अभिजात्य वर्गों की करें तो पढे लिखे माडर्न युग को अपना सब कुछ मानने वाली पीढी सबसे ज्यादा गंदी विडियो देखते हैं। ऐसे वर्गों की अपनी कहानी भी है।
फोटो : फणीश्वर नाथ रेणु के कनिष्ठ पुत्र दक्षिणेश्वर प्रसाद राय
जिससे घरेलू हिंसा और बात तलाक तक पहुँच जाती है। गंदी चीजें देखने से ऐसे तबकों के दिमाग में गंदगी भर जाती है और वे वही सब उटपटांग गंदी हरकत अपनी पत्नी के साथ बलपूर्वक करना चाहते है और कुछेक बार कामयाब भी हो जाते हैं लेकिन महिलाओं का विरोध के कारण वे अपनी मर्दानगी पर बट्टा समझते हैं और अमानवीय क्रूरता के साथ वे अपनी पत्नी छोड देने या फिर उसके चरित्र पर लांछन लगाते हैं। मामला तलाक तक भी पहुँच जाता है लेकिन विकृत और गंदी मानसिकता से लबरेज इंसान को इससे फर्क कहाँ पड़ता है। नारी तो खुंटी में बंधी गाय के समान होती है, वे सामाजिक लोक लिहाज के डर से पति की प्रताड़ना सहती है और जब बात बरदास्त से बाहर हो जाती है तो प्रतिकार करती है, और ऐसा उसे करना भी चाहिए, भले हीं इसका खामिजयाना उन्हें कभी कभी रिश्ते तोडकर, पति को सबक सिखाकर या फिर अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। पोर्न साइटों पर ब्लू फिल्मों की भरमार होती है जिसे देखकर कुछ पढ़े लिखे नौकरी पेशा करने वाले असभ्य वर्ग भी बडी चाव से देखते हैं और वही सब कुछ घर आकर वे अपनी पत्नी से चाहते हैं? क्या यह उचित है? जिन्हें हमें प्यार, सम्मान, इज्जत देनी चाहिए उनके लिए यह कितनी बडी कुठाराघात है। कुछ लोगों को मेरी बात उटपटांग लग सकती है, उन्हें लगे, क्योंकि यह आज के समाज की काला और नंगी सच्चाई है और एक प्रकार का अजीबोगरीब हकीकत भी। सरकार को अविलंब ऐसे गंदे साइटों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए वर्ना एक दिन यह गंदी और विभत्स संसकृति हमारी सामाजिक मुल्यों और मानवीय संवेदना का गला घोंट देगी।