प्रदेश के मुज़फ़्फ़रपुर की कुढ़नी सीट पर न तो महागठबंधन में दरार थीऔर न ही ओवैसी फ़ैक्टर था- नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने एक साथ चुनाव प्रचार किया था- आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के नाम से भी वोटरों से अपील की गई थी लेकिन बीजेपी वहां कामयाब क्यों हो गई…
दुर्केश सिंह वत्स, 12सितंबर2023 नज़रिया ब्यूरो विशेष संवाददाता, पटना। 21वीं शताब्दी में कार्य के आइने में कोई भी ईमानदार इतिहासकार यदि देश का इतिहास लिखेगा तो भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सबसे अधिक अंक देश हित में देगा। लेकिन नीतीश कुमार की एक जिद- सिर्फ़ शराब पीने पर भी जेल भेज देने वाला कानून (शराब बंदी) भारतीय संस्कृति में हजम नहीं कर पा रही है। इसका उदाहरण कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उम्मीदवार को हार जाना बताया जा रहा है।
बीजेपी उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता ने जनता दल यूनाइटेड के मनोज कुशवाहा को 36049 वोट से वहां पर हराया है ।
प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले के
वरिष्ठ पत्रकारों का कुढ़नी विधानसभा के चुनाव नतीजे पर छनकर जौ आकलन आया है, उसके मुताबिक “चुनाव परिणाम से साफ ज़ाहिर है कि कुढ़नी के वोटर नीतीश कुमार से नाराज़ थे। इसका एक मात्र करण शराब पीना अपराध बना दिया जाना बताया जा रहा है।
पत्रकारों का आकलन है कि उक्त क़ानून में सबसे ज़्यादा ओबीसी, एससी और एसटी के लोग प्रताड़ित हुए हैं। कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र में इस समुदाय के सैकड़ों लोगों को जेल में डाल दिया गया है।
जेल भेजे गए वोटरों के परिजनों की बद्दुआयों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कुमार उम्मीदवार को कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में जदयू के उम्मीदवार को हरा दिया।
इस हार के बाद बिहार के दिग्गज नेता उपेंद्र कुशवाहा ने ट्वीट किया था कि”कुढ़नी के परिणाम से हमें बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है। पहली सीख: जनता हमारे हिसाब से नहीं, बल्कि हमें जनता के हिसाब से चलना पड़ेगा.”
इस जीत के बाद बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार के इस्तीफ़े की मांग की थी। सुशील मोदी ने कहा: “इस क़रारी हार के बाद आपको (नीतीश कुमार को) इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।आपका जो वोट है आप उसके मालिक नहीं हैं। आपका अति पिछड़ा वोट अब पूरी तरह बीजेपी की तरफ़ खिसक चुका है.”।
राजनीतिक मामलों के जानकार किशनगंज के वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन कहते हैं, ” कुढ़नी सीट मूल रूप से आरजेडी की सीट थी। कुढ़नी में बड़ी संख्या में पिछड़े वर्ग के वोटर हैं, जिसमें कई गरीब जातियां हैं, जो शराब पीना अपराध नहीं मानतीं । राजद भी शराब पीना अपराध नहीं मानती। जदयू ने शराब पीना अपराध बना दिया है । इस कानून का शिकार सबसे अधिक गरीब वर्ग हो रहा है जिसका लाभ कुढ़नी बीजेपी को मिला है।
राजीव रंजन नै कहा: नीतीश कुमार जैसा नेता देश में इस समय नहीं है लेकिन जो कार्य अपराध नहीं है, उसे उन्होंने अपराध की श्रेणी में रखकर कभी भी नहीं खत्म होने वाली बद्दुआएं बटोर लीं हैं। शराब से हजार गुना स्वास्थ्य को नुक्सान मिलावटखोरी पहुंचा रही है लेकिन उसके लिए शराबबंदी जैसा कानून नीतीश कुमार नहीं बनाया।
भारतीय संस्कृति में प्रतिशोध का कोई स्थान नहीं है। भारतीय संस्कृति में सर्वश्रेष्ठ स्थान क्षमा अर्थात फारगिवनेस को दिया गया है। क्षमा करने की शक्ति खो देने वाले नेता का पतन सुनिश्चित है। भारतीय राजाओं का उत्थान और पतन का इतिहास इसका गवाह है।