दुर्केश सिंह, 17सितंबर-नज़रिया न्यूज विशेष संवाददाता। पीएम नरेंद्र मोदी का जन्म दिन आज पूरा देश मना रहा है। पूरा विश्व उन्हें राजनेता मानने को विवश हैं। ऐसे शख्स को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने के लिए देश के महान नेता अटल बिहारी बाजपेई को लालकृष्ण आडवाणी का सहयोग लेना पड़ा था। यह जानकारी 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान और उस समय और इस समय भी बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे डॉ दिलीप जायसवाल ने दी थी। मैं उस समय दैनिक जागरण के भागलपुर यूनिट में सीनियर सब एडिटर था।
जानकारी के मुताबिक एक अक्तूबर 2001 को नरेंद्र मोदी अपने एक पत्रकार मित्र के अंतिम संस्कार में मौजूद थे। उनके मोबाइल फ़ोन की घंटी बजी। काल प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का था। तय हुआ कि शाम को मोदी वाजपेयी से मिलने जाएंगे।शाम को मोदी 7 रेसकोर्स रोड पहुंचे तो वाजपेयी कहा- गुजरात जाइए और वहाँ काम करिए। इस पर नरेंद्र मोदी ने
बहुत मासूमियत से कहा- जिन राज्यों को मैं देख रहा हूँ, उनको अब मैं नहीं देखूँगा? वाजपेयी ने कहा- केशुभाई पटेल के बाद गुजरात के अगले मुख्यमंत्री होंगे तो मोदी ने ये पद लेने से साफ़ इनकार कर दिया।
जानकारी के मुताबिक उस समय अटल बिहारी बाजपेई से नरेंद्र मोदी ने कहा: वे गुजरात में पार्टी को ठीक करने के लिए महीने में 10 दिन दे सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। वाजपेयी उन्हें मनाते रहे, लेकिन मोदी नहीं माने। बाद में लालकृष्ण आडवाणी को उन्हें फ़ोन कर कहना पड़ा- आपके नाम पर सभी ने मुहर लगा दी है।जाइए और शपथ लीजिए।
वाजपेयी के फ़ोन आने के छठे दिन यानी 7 अक्तूबर, 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
अररिया – बीजेपी कार्यालय अररिया में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी का जयंती धूम धाम से मनाया गया
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