– फारबिसगंज के अविनाश कुमार ने UPSC में लाया 17वाँ रैंक।
– दिल्ली से माता-पिता को फोन पर दी ख़ुशी की खबर।
– अविनाश के गाँव बघुवा में ख़ुशी की लहर…
नजरिया न्यूज़ अररिया। एक पिता के लिए वह क्षण बहुत हीं बड़ा और भावुक हो जाता है जब उसके बेटे के नाम से उस पिता को लोग पहचानना शुरू कर देते हैं. माँ की भावना शब्दों के रूप में लड़खड़ाती है लेकिन दिल को असीम सुखद भी एहसास करा जाती है वहीं पिता का सीना 56 इंच का हो जाता है. अररिया के फारबिसगंज के बघुवा गाँव के लड़के अविनाश कुमार ने जब UPSC क्रेक कर 17 वाँ रैंक लाया तो सबसे पहले अविनाश ने फोन पर अपने माता-पिता को जानकारी दी जिसके बाद अविनाश के परिवार और गांव में ख़ुशी की लहर दौर पड़ी. अविनाश की माँ गृहनी हैं और पिता किसान. माँ ने कैमरे पर भावुकता से ओतप्रोत होकर अपनी ख़ुशी जाहिर की तो पिता ने बताया कि फारबिसगंज सरस्वती विद्या मंदिर से मैट्रिक के बाद बोकारो से इंटर की पढ़ाई की और फिर एक कंपनी में 11 महीने जॉब भी किया. अविनाश कुमार की इस ऐतिहासिक सफलता के बाद परिवार से लेकर गाँव में ख़ुशी की लहर नज़र आ रही है।
25 वर्षीय अविनाश कुमार का यूपीएससी में यह तीसरा प्रयास था। इससे पहले दो प्रयास में वह असफल रहे। लेकिन, तीसरी बार में उन्होंने टॉप 20 में अपना स्थान बनाया। अविनाश कुमार के पिता अजय कुमार सिंह सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और वर्तमान समय में गांव में ही खेती बारी कर रहे हैं तथा मां प्रतिमा देवी गृहिणी हैं।
बेटे की कामयाबी से मां पिता की खुशी का ठिकाना नहीं है। अविनाश कुमार ने दसवीं तक की पढ़ाई फारबिसगंज के श्रीरानी सरस्वती विद्या मंदिर से की, जहां उसे 10 सीजीपीए मार्क्स प्राप्त हुए थे।
12वीं की पढ़ाई अविनाश ने झारखंड के बोकारो के चिन्मय विद्यालय से की है, जहां उसने 93.2 फीसदी अंक प्राप्त किये थे। इसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई उसने पश्चिम बंगाल कोलकाता के यादवपुर विश्वविद्यालय से की।
पिता ने बताया कि अविनाश इससे पहले दो बार यूपीएससी की परीक्षा में शामिल हुआ था और यह उसका तीसरा अटेम्प्ट था। यूपीएससी परीक्षा को उसने अपना लक्ष्य बना लिया था और इसके लिए कोचिंग आदि करने के साथ सेल्फ स्टडी करता था।
अविनाश ने यूपीएससी की तैयारी कर रहे छात्रों को विषयवार सिलसिलेवार ढंग से गंभीरतापूर्वक पढ़ने और सेल्फ स्टडी करने की सलाह दी।