भरगामा/अररिया। प्रखंड के भरगामा पंचायत के वार्ड संख्या 5 निवासी शंभु मंडल उम्र 45 वर्ष की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भरगामा में इलाज के दौरान हुई मौत परिजन एवं ग्रामीणों ने काटा बवाल।
भरगामा प्रखंड के पंचायत भरगामा वार्ड संख्या 5 निवासी शंभू मंडल पहले सुबह गाय दुहने के लिए बैठा इसी क्रम में उन्हें चक्कर आने लगा और अनियंत्रित होकर गिर गया। परिजनों ने जब देखा तो उन्हें उठाकर बैठाया व ऐंबुलेंस के लिए अस्पताल फोन किया काफी देर तक ऐंबुलेंस नहीं पहुंचने पर ऑटो के द्वारा मरीज को अस्पताल लाया गया। जहां ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक सुनील कुमार ने मरीज का जांच किया व ऑक्सीजन लगाया। परिजन ने जब चिकित्सक से पूछा तो चिकित्सक ने बताया कि मरीज की सांसे चल रही है। और इसे रेफर किया जाता है लेकिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भरगामा के चिकित्सा प्रभारी संतोष कुमार मौजूद नहीं थे। जिस कारण से शंभू मंडल मंडल की मौत हो गई। जिसपर परिजन व ग्रामीण ने अस्पताल में हो हंगामा करते हुए जमकर बबाल काटा।

मामले की जानकारी मिलते हीं एसआई अजीत कुमार चौधरी,एएसआई विभाष कुमार, एएसआई गौरीशंकर यादव, एएसआई चंद्रप्रकाश, एएसआई शबनम, एएसआई मृत्युंजय कुमार,एएसआई प्रमोद सिंह, एएसआई परवेज आलम व महिला पुलिस बल के चांदनी एवं सशस्त्र बल के जवानों के घंटो मशक्कत के बाद शव को परिजन को सुपुर्द कर दाह संस्कार के लिए भेज दिया। पु:न आक्रोशित भीड को समझा-बुझाकर घर भेजा।
शंभू मंडल की पत्नी माया देवी ने बताई जब मैं अपने पति को लेकर भरगामा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची तो यहां पर कोई भी चिकित्सक मौजूद नहीं थे। घंटो इंतजार करने के बाद जब चिकित्सक आए तो आनन-फानन में दिलासा दिलाने के लिए ऑक्सीजन लगा दिया गया और चंद मिनट के बाद उन्हें रेफर लिखा हुआ पर्ची थमा दिया गया। जबकि चिकित्सक के लापरवाही के कारण बीमार शंभू मंडल की मौत हो गई।
स्थानीय ग्रामीण संजय कुमार,बिनोद कुमार, सुभाष कुमार, राजेश कुमार ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी संतोष कुमार लगातार अस्पताल से गायब रहते हैं और भरगामा बाजार स्थित अपने नर्सिंग होम में ज्यादा समय देते हैं जिस कारण से मरीज का सही ढंग से इलाज नहीं हो पता है। व हॉस्पिटल का विधि व्यवस्था ठीक नहीं रहता है। वहीं ग्रामीण ने अस्पताल को रेफरल अस्पताल में तब्दील करने व चिकित्सा प्रभारी संतोष कुमार के निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे।