इसरावती देवी पीजी कॉलेज कंम्मरपुर हरीपुर करौदीकलां के प्रबंधक बीरेंद्र मिश्र: डिजिटल मीडिया का कबरेज जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन को लेकर ज्ञानवर्धक रहा, मीडिया से ही पता चला…
दुर्केश सिंह, नज़रिया न्यूज, विशेष संवाददाता, 10 सितंबर 2023 सुल्तानपुर। इसरावती देवी पीजी कालेज के प्रबंधक बीरेंद्र मिश्र: डिजिटल मीडिया का कबरेज जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन को लेकर ज्ञानवर्धक रहा। मीडिया से ही पता चला:
“जब चीन को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थाई स्थाई सदस्य बनाया गया था, तो अफ्रीका के देशों ने भी मदद की थी। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थाई सदस्यता भारत के एजेंडा में है और 50 से ज्यादा देशों का यह संघ इस काम में भारत के काम आ सकता है.”
उन्होंने कहा, अफ़्रीकन यूनियन के स्थाई सदस्य बनने के बाद यह पहले से और अधिक मजबूत और बड़ा हो गया है।
उल्लेखनीय है कि अफ़्रीकन यूनियन 55 देशों का एक ऐसा संघ है, जिसमें दुनिया की करीब 18 प्रतिशत आबादी रहती है।यह विश्व का करीब 20 प्रतिशत लैंड एरिया है, जिसकी अर्थव्यवस्था सात ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा है।

मीडिया रिपोर्ट का अध्ययन बताता है अफ्रीकी यूनियन का मंच कितना बड़ा है, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें शामिल देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के करीब 85 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का करीब 75 प्रतिशत का योगदान है। इसमें विश्व की करीब दो तिहाई आबादी आती है।
गौरतलब है कि जी20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का एक प्रमुख मंच है, जहां विश्व नेता एक साथ बैठकर वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इसके अलावा इस मंच पर जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, कृषि, ऊर्जा और पर्यावरण समेत अन्य जरूरी मुद्दों पर भी बातचीत की जाती है।
राष्ट्रपिता बापू की आत्मा आज देश को दे रही होगी आशीर्वाद:
दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईस ईनास्यू लूला डा सिल्वा महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट का दौरा करते हुए भावुक हो गए थे।
ये बात लूला डा सिल्वा ने सम्मेलन के दौरान कही।
राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा ने कहा, जब आज मैं हमारे प्यारे गांधी को श्रद्धांजलि देने पहुंचा तो निजी तौर मैं भावुक हो गया।
उन्होंने कहा, “हर कोई जानता है कि मेरे राजनीतिक जीवन में महात्मा गांधी का बहुत महत्व है क्योंकि अहिंसा के साथ संघर्ष मेरा रोल मॉडल था और जब मैं मज़दूर आंदोलन में था, मैंने दशकों तक इसका अनुसरण किया. इसी वजह से मैं बहुत भावुक हो गया.”। गौरतलब है कि भारत की छवि में जी 20 देशों के सम्मेलन की तैयारी अभूतपूर्व रही।
नई दिल्ली से बीबीसी के लिए विकास पांडेय लिखते हैं: जी 20 देशों के सम्मेलन को सफल बनाने के लिए देश ने बीते साल 60 भारतीय शहरों में 200 बैठकें आयोजित कीं।
सम्मेलन के लिए दिल्ली को बड़े-बड़े होर्डिंगों और पोस्टरों से सजाया गया ।. इसमें सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों के स्वागत संदेश के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी थी। ये दुनिया को गले लगाने की भारत की तत्परता को दिखा रहे था।
उल्लेखनीय है कि देश का ये सारा प्रयास शिखर सम्मेलन के पहले ही नेताओं की ओर से एक संयुक्त बयान जारी करने का महौल बनाया जिससे विश्व में भारत की छवि में चार चांद लग गया।