जितेंद्र कुमार जीतू नजरिया न्यूज़/भरगामा।
बिहार में बीते बरसों में पुलिसकर्मी भी महफूज नहीं। आए दिन अपराधियों का सॉफ्ट टारगेट पुलिसकर्मी हीं बनते जा रहे हैं। आखिरकार जनता की हिफाजत करती पुलिसकर्मी की हिफाजत करेगा कौन। यह एक बहुत बड़ा सवाल है। पुलिसकर्मी की एक छोटी सी चूक पर उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। जबकि अपराधियों के गोली के शिकार हुए पुलिसकर्मी को वर्षों तक इंसाफ नहीं मिलता है उनके परिजन दरबदर के धक्के खाते रहते हैं लेकिन उनकी सुनवाई करने वाला कोई भी आगे नहीं आता है। ना कोई राजनीतिक दल ना कोई सामाजिक संगठन। इसकी कसक शहीद के परिजन चेहरे पर परेशानियां साफ साफ दिख जाती है कि जिस जनता और सरकार के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे दी आज उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं। आज अपराधियों का मनोबल इस कदर सातवें आसमान पर है। वे पुलिस पदाधिकारी पर भी गोली चलाने से गुरेज नहीं करते। लगातार राज्य में कहीं ना कहीं पुलिसकर्मी की हत्याऐं हो रही है। आखिर कब तक पुलिस कर्मी की मां की कोख सूनी होती रहेगी। कब तक पत्नी के मांग का सिन्दूर उजडता रहेगा। कब तक उनके बच्चे होते रहेंगे अनाथ। कब होगें पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित।
फोटो परिचय : फाइल फोटो स्वर्गीय नंदकिशोर यादव।
पलासी प्रखंड क्षेत्र के दिघली गांव निवासी स्वर्गीय सरजी लाल यादव के पुत्र नंद किशोर यादव समस्तीपुर जिला अंतर्गत मोहनपुर ओपी थाना अध्यक्ष के रूप में पदस्थापित थे जो गश्ती के दौरान मुठभेड़ में बदमाशों की गोली लगने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए थे। जिन्हें आनन-फानन में पटना के एक निजी अस्पताल में इलाज करवाया जा रहा था। डॉक्टरों की काफी मशक्कत के बाद भी वह जिंदगी का जंग हार गए। मृतक नंदकिशोर यादव चार भाई में सबसे छोटे थे। 2009 बैच में अवर निरीक्षक पद पर उनकी नियुक्ति हुई थी उनकी शादी जोकीहाट थाना क्षेत्र के बहारवाडी गांव में हुई थी। नंदकिशोर यादव की मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया।
फोटो परिचय : भरगामा थाना परिसर में लगा शहीद प्रवीण कुमार का प्रतिमा।
वहीं वर्ष 2015 में बिहार के अररिया जिले में अपराधियों के साथ मुठभेड़ में भरगामा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार शहीद हो गए। मधुबनी जिला के भौवारा निवासी दयानंद सिंह के पुत्र प्रवीण कुमार अररिया जिले के भरगामा थानाध्यक्ष बने। विदित हो कि 14 जुलाई 2015 को भरगामा के तत्कालीन थानाध्यक्ष प्रवीण कुमार रानीगंज के बेलसरा गांव में अपराधियों के साथ हुए मुठभेड में शहीद हो गये थे। इसके बाद भरगामा पुलिस एवं स्थानीय लोगों ने प्रतिवर्ष शहादत दिवस पर पुण्यतिथि मनाए जाने का फैसला लिया। इस शहादत दिवस पर पुलिस प्रशासन सहित आम जन के आंखे नम हो जाती है। भरगामा थाना परिसर मे आयोजित कार्यक्रम में शहीद दरोगा की पत्नी प्रियंका सिंह,पिता दयानंद सिंह व उनके पुत्र व भाई संजय सिंह आदि उपस्थित रहते हैं।