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बीरेंद्र पांडेय
नजरिया न्यूज शिक्षा संवाददाता, किशनगंज। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चंद्रमा पर चंद्रयान की सॉफ्ट लैंडिंग पर खुशी व्यक्त करते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी। किशनगंज जिला प्रशासन के ह्वाट्सएप ग्रुप पर यह जानकारी शेयर की गई है।
उल्लेखनीय है कि चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर उसमें से निकलेगा और चंद्रमा की सतह पर घूमकर शोध करेगा और जानकारी जुटाएगा। इससे पहले
14 जुलाई को दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले चंद्रयान-3 ने अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा पूरी की है।
इसरो के बताए गए विवरण के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लिए मुख्य रूप से तीन उद्देश्य निर्धारित हैं।चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना, चंद्रमा की सतह कही जाने वाली रेजोलिथ पर लैंडर को उतारना और घुमाना लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना।
चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस. सोमनाथ ने अभियान की सफलता की घोषणा की।
इसरो चीफ़ ने पीएम मोदी का अभिवादन करते हुए उन्हें बोलने के लिए आमंत्रित किया।उन्होंने कहा, “मैं अपने पीएम से हमें आशीर्वाद देने को कहूंगा.”।
ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ़्रीका गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली संबोधित किया।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे परिवारजनों जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं, जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। ये पल अविस्मरणीय है।ये क्षण अभूतपूर्व है। ये क्षण विकसित भारत के शखनांद का है। ये क्षण नए भारत के जय घोष का है। ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है।ये क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ्य का है।ये क्षण भारत में नई ऊर्जा नई चेतना का है।
उन्होंने कहा, “इसरो ने वर्षों तक इस पल के लिए इतना परिश्रम किया है। मैं 140 करोड़ देशवासियों को बधाई देता हूं. हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश भी नहीं पहुंच सका है।अब चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे और कथानक बदल जाएंगे, नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएगी।