नजरिया संवाद, संतोष यादव धमदाहा /पूर्णिया ।
कालाज्वर से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों से इलाज लिए अनुमंडल की अस्पताल धमदाहा में खोले गए सेंटर फॉर एक्सीलेंस में एक भी मरीज को भार्ती नहीं किया गया है। अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा क्षेत्र के अलावा पूर्णिया जिला के अन्य 13 प्रखंडों में से किसी भी एक प्राथमिक/ समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा गंभीर रूप से कालाजार से ग्रसित मरीज को जांच के लिए नहीं भेजा गया है। अलबत्ता अब तक धमदाहा प्रखंड के 15 संदिग्ध मरीजों का रूटीन जांच आर के 39 किया गया है। हालांकि जांच में नेगेटिव पाए जाने के बाद सभी मरीज को घर भेज दिया गया है। लेकिन सेंटर फॉर एक्सीलेंस जिन कालाज्वर के गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों के लिए खोला गया है उसमें से किसी भी एक मरीज को अब तक यहां नहीं भेजा गया है। मूल रूप से सेंटर फॉर एक्सीलेंस में कालाज्वर से ग्रसित वैसे गंभीर मरीजों का जांच किया जाना है जिनका रूटीन जांच में कालाजार की पुष्टि नहीं होने के कारण बोन मैरो जांच के द्वारा मरीज के कालाज्वर से गंभीर रूप से ग्रसित होने या नहीं होने की प्रमाणिकता के बाद समुचित इलाज एवं दवा देकर मरीजों को यहां से वापस घर भेज जाना है। सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोले जाने से पूर्व कालाजार से गंभीर रूप से ग्रसित मरीजों को पटना जाना पड़ता था ना जहाँ बोन मैरो का जांच कर इलाज किया जा रहा था। बताना मुनासिब होगा कि विगत 18 अगस्त को पूर्णिया के सिविल सर्जन अभय प्रकाश चौधरी के द्वारा डीएनडीआई के द्वारा बनाए गए सेंटर फॉर एक्सीलेंस का उद्घाटन किया गया है। जहां लैब टेक्नीशियन की टीम के अलावा उच्च कोटि का लैब एवं मरीज के परीक्षण हेतु कक्षा के अलावा पांच बेड का एक वर्ड भी बनाया गया है। इस संबंध में पूछे जाने पर अनुमंडलीय अस्पताल धमदाहा के प्रभारी