● आम आदमी यह गलती करता, तो उसे माफी मिलती?
● राष्ट्रध्वज का अपमान बर्दाश्त नही होगा- स्थानीय लोग
विकास प्रकाश नजरिया न्यूज़
बथनाहा (अररिया)।
बथनाहा ओपी में ओपी अध्यक्ष नंद किशोर नंदन ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उल्टा ही फहरा दिया तिरंगा, जिसके बाद स्थानीय नागरिक के द्वारा सीधा किया गया मगर उस वक्त भी भारी चूक हुई और तिरंगा जमीन पर गिर गया। इसको लेकर जहां पूरे क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार आज भी सारा दिन गर्म रहा वहीं लोग पुलिस पदाधिकारी द्वारा तिरंगे की अपमान को लेकर दुखी है। लोगों का कहना है कि यदि यही चूक आम लोगों से हुई होती तो उनपर अबतक तिरंगे के अपमान की संगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हो जाता। मगर वहीं गलती जब उनसे स्वयं हुआ तो अब कार्रवाई क्यों नहीं हुई। मामले का वीडियो जहां सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें तिरंगा उल्टा फहराने के बावजूद झंडोंतोलन समारोह में मौजूद ओपी अध्यक्ष समेत तमाम पुलिस बल मूक दर्शक बने हुए है जबकि झंडे को पुनः सीधा करने का काम एक स्थानीय नागरिक जब करने लगे तो उनके द्वारा भी झंडा को जमीन पर गिरा दिया जाता है।
*एसपी साहब कॉल रिसीव नहीं किये*
इस विषय पर जब अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह को फोन किया गया तो, उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया और न ही वापस कॉल किया। ऐसा कई बार हुआ है जब अररिया एसपी अशोक कुमार सिंह कॉल रिसीव नहीं करते हैं। ऐसे में सवाल बनता है कि जब पत्रकार का कॉल रिसीव नहीं होता है, तो आम आदमी का कॉल कितना रिसीव होता होगा, यह बड़ा सवाल है।
*रिहलसल हो रहा होगा- डीएसपी फारबिसगंज*
इस विषय पर जब फारबिसगंज डीएसपी से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि रिहलसल का वीडियो होगा, कोई जानबूझकर ऐसा थोड़े करेगा। जबकि वीडियो में देखकर कहीं से भी ऐसा नही लग रहा है, कि रिहलसल है। कई लोग उपस्थित हैं, नीचे फूल गिरा हुआ है, मंच पर प्रतिनिधि भी हैं, कई बच्चे हैं। ऐसे में क्या रिहलसल कर रहे थे?
ऐसे में लोग सवाल उठा रहे हैं कि आम आदमी से यदि यह गलती होती तो क्या उन्हें माफ किया जाता? छोटी छोटी गलती पर आम आदमी पर कार्रवाई की जाती है, तो फिर बथनाहा थानाध्यक्ष पर कार्रवाई क्यों नहीं?? जब एक छोटी गलती पर मदनपुर ओपी प्रभारी को निलंबित किया गया, सिर्फ सूचना नहीं देने पर नरपतगंज थानाध्यक्ष को निलंबित किया गया, तो फिर राष्ट्रध्वज के अपमान पर बथनाहा थानाध्यक्ष पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई? ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
*राष्ट्रध्वज के अपमान पर खामोश क्यों हैं अधिकारी*
लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि राष्ट्रध्वज के अपमान होने पर भी आखिर अररिया एसपी ने कार्रवाई क्यों नही किये हैं? कुछ लोग तो इसपर आंदोलन करने की भी बात कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि राष्ट्रध्वज का अपमान कभी बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
अब देखना यह कि राष्ट्रध्वज के अपमान मामले में बथनाहा थाना प्रभारी पर आखिर कब कार्रवाई होती है।
इस मामले में मुख्यमंत्री डीजीपी को भी ईमेल के माध्यम से सूचना दी गयी। मुख्यमंत्री की ओर से ईमेल को अररिया डीएम को भेजकर जांच के निर्देश दिये हैं।
*पत्रकारों पर तुरंत हुआ था प्राथमिकी*
कुछ दिन पूर्व में ही एक खबर पर नियम के उल्लंघन करने पर तीन सोशल मीडिया के पत्रकारों पर तुरंत प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी थी। लेकिन राष्ट्रध्वज के मामले पर अररिया एसपी खामोश हैं।
जाने क्या है भारत के राष्ट्रीय झंडा फहराने का तरीका, नियम और उसका सम्मान।
भारतीय ध्वज संहिता भारतीय ध्वज को फहराने व प्रयोग करने के बारे में दिये गए निर्देश हैं। इस संहिता का आविर्भाव 2002 में किया गया था। भारत का राष्ट्रीय ध्वज, भारत के लोगों की आशाओं और आकाँक्षाओं का प्रतिरूप है। यह राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। सभी के मार्गदर्शन और हित के लिए भारतीय ध्वज संहिता–2002 में सभी नियमों, औपचारिकताओं और निर्देशों को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। ध्वज संहिता-भारत के स्थान पर भारतीय ध्वज संहिता-2002 को 26 जनवरी 2002 से लागू किया गया है।[1]
- जब भी ध्वज फहराया जाए तो उसे सम्मानपूर्ण स्थान दिया जाए। उसे ऐसी जगह लगाया जाए, जहाँ से वह स्पष्ट रूप से दिखाई दे।
- सरकारी भवन पर ध्वज रविवार और अन्य छुट्टियों के दिनों में भी सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जाता है, विशेष अवसरों पर इसे रात को भी फहराया जा सकता है।
- ध्वज को सदा स्फूर्ति से फहराया जाए और धीरे-धीरे आदर के साथ उतारा जाए। फहराते और उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि ध्वज को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।
- जब ध्वज किसी भवन की खिड़की, बालकनी या अगले हिस्से से आड़ा या तिरछा फहराया जाए तो ध्वज को बिगुल की आवाज के साथ ही फहराया और उतारा जाए।
- ध्वज का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाएगा कि जब वक्ता का मुँह श्रोताओं की ओर हो तो ध्वज उनके दाहिने ओर हो।
- ध्वज किसी अधिकारी की गाड़ी पर लगाया जाए तो उसे सामने की ओर बीचोंबीच या कार के दाईं ओर लगाया जाए।
- फटा या मैला ध्वज नहीं फहराया जाता है।
- ध्वज केवल राष्ट्रीय शोक के अवसर पर ही आधा झुका रहता है।
- किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा।
- ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए।
- जब ध्वज फट जाए या मैला हो जाए तो उसे एकान्त में पूरा नष्ट किया जाए।