भरगामा/अररिया। जूट के फसल लगाने वाले किसान टकटकी निगाह से आसमान निहार रहें हैं। नदी,ताल तलैया सुखे हैं। जूट के फसल को काटकर पानी में सडने के लिए छोड़ा जाता है। जिसके बाद नगदी फसल जूट तैयार होता है। नगदी फसल जूट के तैयारी पर ही किसानों का पर्व त्योहार बच्चों के कपडें की खरीददारी,बच्चों के शादी-ब्याह, महाजन की देनदारी निर्भर करता है। किसान बताते हैं जमकर बारिश नहीं हुई तो जूट के फसल की तैयारी नहीं हो पायेगी। पंपसेट से जलजमाव कर जूट के सडाने की प्रक्रिया काफी महंगा होता है जिससे कर्ज के बोझ का चिंता सताने लगा है।

भरगामा पंचायत के किसान प्रभात सिंह , वरूण झा ,बबलू सिंह, बब्बन सिंह , बबलु रजक ,संजय मिश्र, हरिनंदन मंडल,अजय कुमार यादव, ने बताया मौसम की दोहरी मार झेल रहें हैं हमलोग। लगातार बारिश नहीं हुई तो जूट के फसल के साथ-साथ खेतों में लगे धान की फसल भी बर्बाद हो जाएगी। अच्छी फसल नहीं होने से इसका प्रभाव पूरे वर्षभर सताता रहता है।
आषाढ़ माह बीत चुका है सावन माह चल रहा है। लेकिन अभी किसानों को बारिश का इंतजार है। मौसम की बेवफाई से किसान परेशान हैं। किसान संभावित सुखाड़ को लेकर हताश है। सावन शुरू हो चुका है लेकिन अभी भी जेठ की दुपहरी का एहसास हो रहा है। प्रचंड धूप और उमस भरी गर्मी से हर कोई परेशान है। ना दिन को चैन है ना रात को राहत मिल रही है। बारिश नहीं होने के कारण किसान तंगहाली की जिंदगी जीने को विवश है।
सूख रहे हैं ताल तलैया:- ताल तलैया में पानी नहीं होने से किसानों को अपने खेतों में सिंचाई करने की सहूलियत नहीं मिल पा रही है। जिस कारण जूट की खेती कर रहे किसान को अभी भी है बारिश का इंतजार। किसान पंपसेट से गड्ढे में पानी भरकर जूट के फसल को सडाने की प्रक्रिया कर रहे हैं। लेकिन गड्ढे में पानी भर देने के बाद भी शाम तक पानी सूखता जा रहा है। जिससे किसानों की परेशानी काफी बढ़ती जा रही है। वहीं किसानों ने कहा कि पंपसेट के सहारे जूट की फसल की तैयारी काफी महंगा पड़ रहा है। जिससे हम लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
जूट किसान मो अस्फाक ने बताया जलजमाव नहीं होने के कारण जूट पढ़ाने में काफी कठिनाई हो रही है पंपसेट से गड्ढे में पानी जमा कर उसमें जूट को डालते हैं। जो काफी महंगा पड़ता है। पानी नहीं रहने के कारण खेतों में लगा जूट का फसल भी नहीं काट रहे हैं। वहीं समय पर जूट की तैयारी नहीं हुई तो कर्ज का बोझ बढ़ता जाएगा।
बारिश नहीं होने की वजह से जूट के फसल सूखकर मरने लगा है। ऐसी स्थिति में लगातार बारिश नहीं हुई तो उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी हालांकि अभी भी किसान तेज बारिश की आस लगाए बैठे हैं।