नजरिया न्युज/भरगामा। बिजली विभाग का कार्य व्यवस्थित होना बेहद जरूरी है। अन्यथा इसके विपरीत परिणाम अधिक घातक साबित होता है। जी हां बिजली विभाग की सबसे बड़ी कमी की ओर इशारा है। इसके संदर्भ में कोई गंभीरता से नहीं सोच रहा है। अगर आप खजूरी गांव के वार्ड संख्या 2 के सड़क किनारे बिजली के तार पर नजर बनाए तो आपको दिखाई देगा कि ज्यादातर बिजली तार बांस बल्लों के सहारे आपूर्ति की जा रही है। खजूरी गांव के अधिकांश घरों में इसी तरह बिजली की आपूर्ति की जा रही है। वहीं अधिकतर छोटे बड़े पेड़ विद्युत तार के संपर्क में हैं। पेड़ हरा होने की वजह से करंट उस पेड़ में प्रभावित होते रहता है। गाहे बगाहे पशु पक्षी की मौत की खबर सुनने मिल ही जाता है। कई मर्तबा इंसान भी इसके चपेट में आ जाता है। पेड़ में जिस गति से वृद्धि हो रही है उसी अनुरूप तार से और उलझता चला जा रहा है। कहीं पर तो पेड 11000 वोल्ट तार के संपर्क में है। ऐसा भी देखा जाता है। लोग फूल व फल तोड़ने अगर पेड़ पर चढ़ते हैं। तो उन्हें अचानक करंट लग जाता है। उसके बाद वह सीधे जमीन पर गिर जाता है। इस बारे जब वन विभाग के फोरेस्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा यह मामला बिजली विभाग से संबंधित है। विद्युत विभाग को चाहिए ऐसे पेड़ की कटाई समय-समय पर करते रहें। बारिश के मौसम में करंट का अधिक खतरा बना रहता है। हर एक पेड़ में अक्सर बरसात के मौसम में बिजली प्रभावित हो जाता है। अगर भूल बस कोई व्यक्ति या पशु पक्षी पेड़ के संपर्क में आता है। तो उसको झटका लग जाता है इसलिए ऐसे मौसम में अधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है अगर हरे पेड़ के संपर्क में बिजली तार आ गया है तो गंभीर बात है जांच कराकर ऐसे पेड़ की छटाई कराई जानी चाहिए और जल्द ही इसका निरीक्षण करने की जरूरत है।
भाजपा के पूर्व प्रखंड अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, मीडिया प्रभारी सितांशु शेखर पिंटू, युवा नेता बबलू रजक,संजय मिश्र, समाजसेवी अजय कुमार यादव,जितेंद्र कुमार यादव, जय कुमार यादव, छोटेलाल पासवान धीरेंद्र कुमार यादव, चन्देश्वरी यादव, श्यामदेव यादव ने बताया कि इस मामले में बिजली विभाग काफी लापरवाह दिख रही है। ड्यूटी के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। सुदूर ग्रामीण जैसे इस क्षेत्र में बिजली विभाग के कर्मी काफी लापरवाही दिखा रहे हैं। जिसका खामियाजा हम ग्रामीण व पशू पक्षी को भुगतना पडता है।
ब्रेकिंग -उत्तराखंड-अंदर फँसे 41 मज़दूर बाहर आए, सभी सुरक्षित – 15 झारखंड, आठ उत्तर प्रदेश, पांच-पांच बिहार और ओडिशा से, तीन पश्चिम बंगाल से, दो-दो असम और उत्तराखंड से थे और एक श्रमिक हिमाचल प्रदेश से
प्रवीण वत्स नजरिया न्यूज विशेष संवाददाता उत्तराखंड 29नवंबर। उत्तरकाशी में सिलक्यारा सुरंग में फँसे 41 मज़दूरों के सुरक्षित बाहर आने...