अररिया/भरगामा। प्रखंड में कार्य को गति व पारदर्शी तरीके से कार्यान्वित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को सचिव बनाया गया है।
शुक्रवार 25-8-2023 को बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग से निकले आदेश/संकल्प प्रखंड स्तरीय प्रशासन और पदाधिकारी पर बीडीओ के वरीयता को और स्पष्ट एवं संपुष्ट करता है। ऐसा बिहार सरकार के द्वारा निर्गत पत्र में कहा है। अब पहले की तरह अन्य पर्यवेक्षक पदाधिकारी अपनी मनमानी नहीं कर पाएंगे। और उन्हें बीडीओ उनके द्वारा किए जा रहे कार्यों के लिए जवाबदेह बनाएंगे।

कार्य में लापरवाही त्रुटि या विसंगति की स्थिति में बीडीओ को उन्हें निर्देश तथा उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाई के लिए अनुशंसा करने का भी अधिकार दिया गया है। बीडीओ अब माह में न्यूनतम दो बार प्रखंड समन्वय समिति की बैठक बुलाकर सभी पर्यवेक्षक पदाधिकारी के कार्य का पर्यवेक्षण करेंगे। अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पदाधिकारी के खिलाफ उनके विभागीय प्रधान को अवगत कराने की जिम्मेवारी भी बीडीओ की ही होगी। विगत दिनों में प्रखंड स्तरीय प्रशासन की स्थिती चरमरा सा गया था। आये दिन विभिन्न पदाधिकारी के मनमानी की शिकायत प्राप्त होती रहती थी। ऐसे में संकल्प के माध्यम से सरकार ने सभी पर्यवेक्षक स्तरीय पदाधिकारी के उनके क्षेत्राधिकार के अंदर कार्य करते हुए उन्हें प्रखंड विकास पदाधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य करने की व्यवस्था बहाल की है। इस व्यवस्था के बहाल होने से अब आम जनता को अपने समस्याओं के निष्पादन के लिए अनुमंडल या जिला का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और प्रखंड में ही उनके समस्याओं का त्वरित निवारण हो सकेगा। सभी विभागों के कार्य के संपादन में बीडीओ की भूमिका एक समन्वयक की होगी।
बिहार सरकार के मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग से निकला आदेश संकल्प के अनुसार प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति में बीडीओ को सचिव पद का निर्वाहन करना पड़ेगा जबकि अन्य पदाधिकारी सदस्य पद पर रहेंगे। अंचल स्तरीय राजस्व एवं विधि व्यवस्था समन्वय समिति में अंचलाधिकारी सचिव पद का निर्वहन करेंगे अन्य पदाधिकारी सदस्य पद पर रहेंगे।