भरगामा/अररिया। जलजमाव से परेशान खजूरी मिलिक वार्ड संख्या 6 के ग्रामीणों ने सड़क पर धान रोपकर आक्रोश जताया। वहीं जलजमाव व कीचड से निजात दिलाने की मांग की। भरगामा प्रखंड अंतर्गत खजूरी मिलिक वार्ड संख्या 6 की है। उक्त गांव एक तरफ प्रखंड मुख्यालय से जुड़ती है तो दूसरी तरफ सुपौल एवं मधेपुरा जिले से जुड़ती है। कई बार इसको लेकर शिकायत की गई लेकिन इस पर कोई भी कार्यवाई नहीं की गई। जिससे परेशान ग्रामीण सड़क पर धान रोपकर आक्रोश जताया। ग्रामीणों ने कहा कि उक्त रास्ते से कई बार वर्तमान सांसद, विधायक भी गुजरते हैं। लेकिन अनदेखा करते हैं जलजमाव व कीचड से बीमारी का खतरा उत्पन्न हो गया है लेकिन फिर भी ना तो जनप्रतिनिधियों का ध्यान है और ना ही विधायक और सांसद का। समुचित सड़क व जल निकासी की व्यवस्था ना होने से बारिश और लोगों के घरों से निकलने वाला पानी सड़क पर ही जमा रहता है। जलजमाव के चलते सड़क दलदल में तब्दील हो गई है। हलांकि स्थानीय लोगों ने कई बार जल निकासी की व्यवस्था किए जाने और सड़क की मरम्मत कराने की मांग की, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

इस समस्या से परेशान ग्रामीण ने शनिवार को सरकार के खिलाफ नारे लगाए और बीच सड़क पर कीचड में धान की रोपाई कर विरोध जताया। गांव में बीच सड़क पर गंदा पानी जमा होने से संक्रामक रोग फैलने की आशंका बढ़ गई। बीमारी फैलने की आशंका से लोग परेशान हैं। एक तरफ सरकार विकास के बड़े-बड़े दावे कर रही हैं लेकिन इन सबके बावजूद खजूरी मिलिक गांव एक ऐसा क्षेत्र है जहां दुश्वारियां लगातार बनी हुई है। व विकास दूर दूर तक दिखाई नहीं दे रहा है। इस मार्ग पर जल निकासी की समस्या सालों से बना हुआ है। इसकी वजह से आए दिन जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। स्थानीय ग्रामीण व युवा नेता बबलू रजक,समाजिक कार्यकर्ता अजय कुमार यादव, प्रकाश पोद्दार, राजकुमार गुप्ता, प्रभात कुमार,नागेश्वर प्रसाद कमल ने जलजमाव को लेकर नाराजगी जाहिर की हैं।
खजुरी के समाजसेवी अजय कुमार यादव व बबलू रजक ने बताया कि गांव में सड़क एवं जल निकासी की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क पर पानी जमा हो जाता हैं। दर्जनों गांव का एकमात्र बाजार प्रभावित हो जाता है।
इस परेशानी को लेकर अधिकारियों को कई बार अवगत करवाया गया लेकिन समझ नहीं आता कि, अधिकारी इस मार्ग की ओर ध्यान क्यों नहीं देते। जलजमाव व कीचड की वजह से आए दिन सड़क पर हादसे होते रहते हैं वही बरसात के मौसम में जलजमाव की स्थिति और भी बढ़ जाती है जिससे क्षेत्र में बीमारियां फैलने का डर है इस मार्ग से आने वाले मरीजों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं मरीजों को कांधे पर उठाकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक ले जाना पडता है।