दुर्केश सिंह
विशेष संवाददाता, नजरिरया न्यूज, विजेथुआ धाम:
मकरीकुंड, हत्याहरण, दुबाइन का पोखर। इनमें प्रथम दो पोखर पौराणिक काल के हैं। तीसरे पोखर का जीर्णोद्धार के बाद स्वतंत्रता दिवस 2023के अवसर पर कादीपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेश गौतम लोकार्पण करेंगे। यह जानकारी स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर ग्राम प्रधान बिजुआ राजापुर के प्रतिनिधि शिक्षक संदीप रजक ने दी। इस मौके पर सेवानिवृत्त शिक्षक राजित राम दुबे ने
बताया कि दुबाइन का तालाब अस्तित्व में नामभर का था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरोवर योजना और ग्राम प्रधान विजेथुआ द्वारा प्राचीन तालाबों को खोजकर संवारने के अभियान से दुबाइन के पोखर भी उत्तर प्रदेश के पर्यटन केंद्र विजेथुआधाम के इतिहास पटेल पर मेस्वतंत्रता दिवस 2023 को दर्ज हो जाएगा।
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स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ 15अगस्त 2023की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
सादर
श्रीमती फरजाना बेगम-सहाबुद्दीन
ग्राम प्रधान उसरौली
विकास खंड क्षेत्र सुइथाकला
जिला जौनपुर
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फ़ोटो परिचय: तालाब जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण होने की सूचना देता पट जिसका स्वतंत्रता दिवस 2023के दिन अनावरण होगा… नज़रिया न्यूज
फोटो परिचय : दुबाइन के तालाब के जीर्णोद्धार कार्य के लोकार्पण के लिए चल रही 14अगस्त 2023को तैयारी… नज़रिया न्यूज
फ़ोटो परिचय: जीर्णोद्धार के बाद दुबाइन का तालाब…. नज़रिया न्यूज
फ़ोटो परिचय ; दबाइन के तालाब के चारों तरफ निर्मित इंटरलाकिंग सड़क … नजरिया न्यूज
इससे पहले उन्होंने कहा,आदि मानव के बसेरे हमको नदी-नालों के किनारे ही प्राप्त होते हैं, जिन्हें नदी घाटी सभ्यता का नाम दिया गया है। नदी नालों के समीप बसेरा होने का एकमात्र कारण जल की उपलब्धता है। किसी भी प्राणी के प्राणों के संचालन के लिए जल अत्यावश्यक तत्व है।
सेवानिवृत्त शिक्षक दूबे ने बताया कि सभ्यता के विकास में जब मानव को ज्ञात हुआ कि मैदानी क्षेत्र में धरती को खोदने से भी जल प्राप्त किया जा सकता है, तब मानव, जल के समीप बसेरा न कर लमनचाहे स्थानों पर मानव बसने लगे और जीवन के लिए कुंए, बावड़ी, पुष्करी, तालाब एवं बांध का निर्माण करने लगे।
श्री दूबे ने दुबाइन के तालाब के तट पर सावन के महीने में महिलाओं के मेला (गुड़िया पर्व) लगने की जानकारी देते हुए बताया कि शास्त्र में जल को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया और जल की व्यवस्था कराना पुण्य का कार्य माना गया है।
उन्होंने कहा, हड़प्पा काल से वर्तमान तक जनकल्याणार्थ जल के संसाधन विकसित करने की सुदीर्घ परम्परा चली आ रही है।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पुनीत परंपरा का उद्धार किया है।
नारद पुराण का उदाहरण देते हुए सेवानिवृत्त शिक्षक दूबे कहते हैं- एकाहं तु स्थितं पृथिव्यां राजसन्तम। कुलानि तारयेत् तस्य सप्त-सप्त पराण्यपि।।65।। अर्थात्-जिसकी खुदवाई हुई पृथ्वी में केवल एक दिन भी जल स्थित रहता है, वह जल उसके सात कुलों को तार देता है।
शास्त्रों में नृपों के लिए स्पष्ट निर्देश देकर जल प्रदुषित एवं जल साधन नष्ट करने वाले के लिए दंड का विधान किया गया है। लिखित स्मृति कहती है- पूर्णे कूप वापीनां वृक्षच्छेदन पातने। विक्रीणीत गजं चाश्वं गोवधं तस्य निर्द्दिशेत्।। अर्थात्- जो मनुष्य कुआँ या बावड़ी को पाट देता है, वृक्षों को काट कर गिरा देता है तथा हाथी या घोड़े को बेंचता है, उसे ‘गौ के हत्यारे’ के समान मानकर दण्डित करना चाहिए। ‘तडाग देवतागार भेदकान् घातयेन्नृपः।।‘ ‘
सेवानिवृत्त शिक्षक राजित राम दूबे ने कहा, अग्नि पुराण’ में राजाओं के लिए स्पष्ट निर्देश है कि यदि कोई व्यक्ति जलाशय या देवमंदिर को नष्ट करता है तो राजा उसे ‘मृत्युदण्ड’ से दण्डित करे।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के लौज्ञ पुरुष 80वर्षी कंम्ययुनिष्ट राम सरन ने नेता कहते है कि उत्तर प्रदेश के विजेथुआ धाम में भी तालाबों की प्राचीन परम्परा दिखाई देती है।
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स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ 15अगस्त 2023की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
सादर
धर्मेंद्र कुमार सिंह
ग्राम प्रधान भैसौली
विकास खंड क्षेत्र सुइथाकला
जिला जौनपुर
उन्होंने कहा, यहाँ ऐसे लोग भी रहे जो जल की महत्त्ता को जानककर लोक कल्याणार्थ एवं प्रकृति की सुन्दरता को अक्षुण्ण रखने की सोच रखते हुए अविस्मरणीय एतिहासिक काम कर गये जो कि अपने आप में एक मिशाल है। श्री हनुमत इंटर कालेज विजेथुआ राजापुर के परिसर में ख्यातिलब्ध सोशल एक्टिविस्ट स्वर्गीय राकेश सिंह के पूर्वजों के सहयोग से निर्मित विशालकाय पोखर, रामभक्त मकरी के नाम से स्थित हनुमान जी मंदिर के बगल स्थित मकरी कुंड, हनुमानजी के मंदिर सामने स्थित समस्त पापों को हरने वाला पोखर हत्याहरण प्राचीन तालाब हैं। विजेथुआ राजापुर ग्राम पंचायत में और भी तालाब हैं जिनका जीर्णोद्धार कराने का निर्णय लिया जा चुका है।