– इसरावती देवी महाविद्यालय में सेवानिवृत्त सेवकों ने कहा कि शिक्षक जीवन के कर्णधार हैं– नेहा मिश्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार और समस्याओं के कारणों की भी शिक्षित और शिक्षकों को लेनी चाहिए जिम्मेवारी
दुर्केश सिंह नज़रिया न्यूज
विशेष संवाददाता, करौदीकलां(सुलतानपुर) 05 सितंबर। शिक्षक ही जीवन के कर्णधार हैं। आज हम जिस भी मुकाम पर हैं, उसका सौ फीसदी श्रेय शिक्षकों, माता-पिता और समाज को है। यह उद्गार इसरावती देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय कंम्मरपुर हरीपुर करौदीकला सुलतानपुर के प्रबंधक बीरेंद्र मिश्र का है। वे शिक्षक दिवस 2023के अवसर पर इसरावती पीजी कॉलेज में आयोजित शिक्षक दिवस समारोह के शुभारंभ अवसर पर सेवानिवृत्त सेवकों, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों, समाज सेवियों और इसरावती देवी महाविद्यालय परिवार के कर्णधारों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने के लिए प्रबंधन द्वारा आयोजित समारोह का शुभारंभ कर रहे थे।
वीडियो परिचय : भ्रष्टाचार और प्रदूषण पर टिप्पणी करतींं नेहा मिश्रा — नजरिया न्यूज
इसी समारोह के समापन बेला में इसरावती देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय परिसर की नेहा मिश्रा ने अपनी बेबाक टिप्पणी का श्रेय अपने अध्यापक को देते हुए और विनम्रता से क्षमा मांगते हुए कहा कि हम जो कुछ भी हैं, उसका सारा श्रेय हमारे शिक्षकों को हैं। नेहा मिश्रा ने कहा : हम जो कहने जा रही हूं। वह कहने के साहस का श्रेय भी अपने शिक्षकों को देतीं हूं।
आज के समय में शिक्षित वहीं है जिसका सेलेक्शन हो गया है। सेलेक्शन कैसे हुआ, इसका कोई महत्व नहीं है। बच्चा कितना शिक्षित हुआ, आज के शिक्षक इस पर ध्यान नहीं देकर सिलेबस पूरा करना दायित्व समझते हैं। शिक्षा बोझ नहीं बने, यह शिक्षा नीति में शामिल हैं लेकिन बच्चों पर शिक्षा का बोझ कितना कम हुआ क्या? बच्चे पर शिक्षा का बोझ कितना कम हुआ। बच्चा गलत दिशा में जा रहा है। विचारशील और विवेकशील नहीं बन सका तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा। शिक्षक दिवस पर यह कहने का साहस कर पा रहीं हूं, इसका संपूर्ण श्रेय हमारे शिक्षकों को है। कोई भी बच्चा आगे जाता है तो उसका श्रेय शिक्षक को जाता है और विद्रूप दिशा में जाता है तो उसकी जिम्मेदारी भी शिक्षको को लेनी चाहिए।
वीडियो परिचय:सिलेबस तक क्यों सीमित होते जा रहे शिक्षक -नजरिया न्यूज
नेहा मिश्रा ने कहा : हम डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन 05 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मना रहे हैं, मैं सभी का सम्मान कर रही हूं।
नेहा मिश्रा ने शिक्षक दिवस पर भ्रष्टाचार के कारण पर बेबाक टिप्पणी करते हुए कहा: भ्रष्टाचार में शिक्षित लिफ्त हैं या अशिक्षित! इसी प्रकार पर्यावरण की गंदगी पर चर्चा करते हुए नेहा मिश्रा ने कहा कि गांव का पर्यावरण क्यों अधिक स्वच्छ है। गांव से अधिक शिक्षित तो शहर में हैं।
इससे पहले श्री हनुमत इंटर कॉलेज विजेथुआ राजापुर सूरापुर से सेवानिवृत्त शिक्षक हरिओम उपाध्याय ने भारत रत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर बोलते हुए उनके बचपन में उनके गांव के माहौल की जानकारी दी।
उन्होंने कहा: डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के माता पिता ना तो गरीब थे और ना ही धनी थे। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन प्राध्यापक थे, फिर भी ज्ञान के लिए पढ़ते रहते थे।
वीडियो परिचय: स्वामी परमहंस महराज ने विवेकानंद को कराया था भगवान का दर्शन-सेवानिवृत प्राध्यापक हरिओम उपाध्याय – नजरिया न्यूज
इससे पहले सेवानिवृत्त लेक्चरर हरिओम उपाध्याय ने शिक्षक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए और स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा: स्वामी विवेकानंद के गुरु परमहंस जी महराज थे। स्वामी विवेकानंद ने उनसे एक बार कहा: भगवान का दर्शन जबतक नहीं होगा। मैं भगवान को नहीं मानूंगा। परमहंसजी महराज ने स्वामी विवेकानंद को भगवान का दर्शन कराया तो विवेकानंद स्वामी विवेकानंद बन गए।
सेवानिवृत्त शिक्षक हरिओम उपाध्याय ने कहा कि समर्थ गुरु रामदास नहीं होते शिवाजी भी नहीं होते। शिक्षक और गुरु हैं तो जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।