...गौरतलब है कि गांव के गीतों को संग्रह करने वाले पंडित राम नरेश त्रिपाठी देश के पहले कवि थे, कविता कौमुदी में उनके 15000 लोकगीतों का संग्रह है जिसे पंडित रामनरेश त्रिपाठी ने गांव -गांव में जाकर संग्रह किया था और इसे छह भागों में 1917से लेकर 1933तक प्रकाशित किए थे,इसके लिए उन्होंने गांव -गांव जाकर घरों में बैठकर सोहर और विवाह के गीतों को सुना और लिखा था…
दुर्केश सिंह
नज़रिया न्यूज
विशेष संवाददाता, कोइरीपुर /विजेथुआ धाम। राष्ट्र कवि पंडित रामनरेश त्रिपाठी का जन्म 4मार्च 1889को सुल्तानपुर जिले के नगर पंचायत कोइरीपुर में हुआ था। यह स्थान उत्तर प्रदेश का धार्मिक पर्यटन केंद्र विजेथुआ धाम से लगभग 08 किमी की दूरी पर स्थित है। कोइरीपुर पंडित राम नरेश त्रिपाठी का जन्मस्थान होने के साथ ही रेलवे स्टेशन और इलाके का सबसे सबसे प्रमुख व्यापारिक केंद्र के लिए जाना जाता है। इस पुरातन व्यापारिक केंद्र को उत्तर प्रदेश का धार्मिक पर्यटन केंद्र विजेथुआ धाम से जोड़ने के लिए सबसे गंभीर प्रयास उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शुरू किया है। इस प्रयास में विजेथुआ धाम और कोइरीपुर नगर पंचायत के बीच स्थित गोमती नदी पर गुदरा घाट और इससे एक किमी की दूरी पर स्थित मल्हीपुर घाट पर पुल का निर्माण कार्य जारी है।
उक्त दोनों पुलों के बन जाने से विजेथुआ धाम उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी और अयोध्या से वाया सुल्तानपुर और जौनपुर होते हुए जुड़ जाएगा जिसका मुख्य केंद्र पंडित राम नरेश त्रिपाठी का जन्मस्थान कोइरीपुर रेलवे स्टेशन होगा।
उल्लेखनीय है कि पौराणिक स्थान विजेथुआ धाम में ज्ञान गुण सागर बजरंग बली हनुमानजी की स्वयं पवन सुत हनुमानजी द्वारा प्रकट्य प्रतिमा राम-रावण युद्ध के समय संजीवनी बूटी हिमालय पर्वत से लाने के समय से है।
ज्ञान गुण सागर हनुमानजी इसी विजेथुआ धाम में स्थित मकरी कुंड के बगल में अजर अमर कालनेमी राक्षस को अपने स्वयं प्रकट्य विशालकाय प्रतिमा के एक पैर से कालनेमी राक्षस को पताल लोक में दाब रखा है।
वहीं ऐतिहासिक नगर कोइरीपुर खड़ी बोली के महत्वपूर्ण और राष्ट्रकवि कवि तथा पंडित रामनरेश त्रिपाठी की जन्म स्थली है । हनुमानजी का धाम, विजेथुआ धाम और पंडित राम नरेश त्रिपाठी का जन्मस्थान नगर पंचायत कोइरीपुर को गोमती नदी पर निर्माणाधीन गुदरा घाट पुल और मल्हीपुर घाट पुल जोड़ने का काम करेगा।
उक्त दोनों पुलों के बन जाने से पंडित राम नरेश त्रिपाठी के जन्म स्थान के वासियों का सीधा संपर्क विजेथुआ धाम से व पूर्वांचल एक्सप्रेस वे हो जाएगा। वहीं विजेथुआ धाम के वासियों को मात्र आठ किमी की दूरी पर स्थित रेलवे स्टेशन की सुविधा मुहैया हो जाएगी।
यह जानकारी देते हुए विजेथुआ धाम निवासी सह ग्राम प्रधान प्रतिनिधि मार्क्सवादी कंम्ययुनिष्ट पार्टी के 80 वर्षीय लौह पुरुष सरदार बल्लभ पटेल राम बरन नेता ने कोइरीपुर रेलवे स्टेशन का नाम विजेथुआ धाम रेलवे स्टेशन रखने की मांग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 25अगस्त 2023 को नज़रिया न्यूज के माध्यम से की।
दूसरी तरफ कोइरीपुर नगर पंचायत के नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि कासिम राइन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से राष्ट्रकवि पंडित रामनरेश त्रिपाठी के नाम से विजेथुआ धाम में विशालकाय विवाह भवन निर्माण करवाने की मांग की। नगर पंचायत कोइरीपुर के अध्यक्ष प्रतिनिधि कासिम राइन ने कहा कि पंडित राम नरेश त्रिपाठी के नाम से जिला मुख्यालय में एक स्मारक है जिसे पंडित रामनरेश त्रिपाठी सभागार कहा जाता है। उससे भी बड़ा स्मारक विवाह भवन के नाम से विजेथुआ धाम में राष्ट्रकवि पंडित राम नरेश त्रिपाठी के होने से और कोइरीपुर स्टेशन का नाम विजेथुआ धाम रेलवे स्टेशन कर देने से भविष्य में विजेथुआ धाम महानगर पालिका की नींव का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
बताते चलें कि ज्ञान गुण सागर धाम विजेथुआ से लगभग आठ किमी दूर कोइरीपुर में 04मार्च 1889 को जन्म लिए पंडित राम नरेश त्रिपाठी आरंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद स्वाध्याय से हिंदी अंग्रेजी, बांग्ला, गुजराती और उर्दू का ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने उस समय के कवियों के प्रिय विषय समाज सुधार के स्थान पर रोमांटिक प्रेम को कविता का विषय बनाया।
त्रिपाठी जी की प्रमुख कृतियाँ हैं : मारवाड़ी मनोरंजन, आर्य संगीत शतक, कविता-विनोद (मुक्तक); तरकस, आखों देखी कहानियां, स्वप्नों के चित्र, नखशिख (कहानी); वीरांगना, वीरबाला, मारवाड़ी और पिशाचनी, सुभद्रा और लक्ष्मी (उपन्यास); जयंत, प्रेमलोक, वफ़ाती चाचा, अजनबी, पैसा परमेश्वर, बा और बापू, कन्या का तपोवन (नाटक)। इसके साथ ही :कौन जानता है और इतना तो जानो, गुजराती से अनुवाद किया है।
हिंदुस्तान अकादमी का पुरस्कार पंडित रामनरेश त्रिपाठी की पुस्तक स्वप्न पर 1929 में मिला था। 16जनवरी 1962को उत्तर प्रदेश के प्रयाग में पंडित रामनरेश त्रिपाठी का निधन
हुआ। इससे बहुत पहले कविता कौमुदी में 15000 लोकगीतों का संग्रह पंडित रामनरेश त्रिपाठी कर चुके थे।
उन्होंने इसके लिए गांव -गांव में जाकर लोकगीतों का संग्रह किया था।इसे छह भागों में 1917से लेकर 1933तक प्रकाशित किए थे।
गौरतलब है कि गांव के गीतों को संग्रह करने वाले पंडित राम नरेश त्रिपाठी देश के पहले कवि थे। इसके लिए उन्होंने गांव -गांव जाकर, घर-घर में बैठकर सोहर और विवाह के गीतों को सुना और लिखा था।
===कोट====
कोइरीपुर रेलवे स्टेशन का नाम विजेथुआ धाम, पंडित राम नरेश त्रिपाठी के नाम से विजेथुआ धाम में विशालकाय विवाह भवन बनवाने की मांग का समर्थन उत्तर प्रदेश के सभी कॉलेजों के प्रबंधक, प्रदेश के सभी बुद्धिजीवी गण और देश के सभी राष्ट्रीय कविगण करेंगे।
बीरेंद्र मिश्र,प्रबंधक इसरावती देवी पीजी कॉलेज कंम्मरपुर हरीपुर करौदीकला, सुल्तानपुर