– पुलिस ने की बाइक चोरी होने की पुष्टि- इंश्योरेंस कंपनी ने मांगी रिश्वत -पांच हजार रुपये नहीं देने पर चोरी के क्लेम को कर दिया खारिज
– उपभोक्ता फोरम में न्यायिक अधिकारी का पद वर्षो से रिक्त रहने से वाद का नहीं हो रहा निस्तारण
– न्यायिक अधिकारी नियुक्त करने के मामले को लेकर बिहार सरकार उदासीन
वीरेंद्र चौहान,
नजरिया ब्यूरो किशनगंज,23सितंबर।
बजाज एलाइंस जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड कंपनी से क्लेम पास करने के लिए रिश्वत मांग जाती है। मांग नहीं पूरी करने पर क्लेम कंपनी द्वारा निरस्त कर दिया जाता है। इस आशय का मुकदमा उपभोक्ता फोरम, किशनगंज में वर्षो से लंबित है। फैसला न होने से उपभोक्ता परेशान हैं।
जानकारी के मुताबिक
कचहरी परिसर किशनगंज से 2021 फरवरी महीने में चोरी की गई मोटरसाइकिल को लेकर वाद दायर किया गया है। जिला उपभोक्ता फोरम न्यायालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वाद में जानकारी दी गई है कि बाइक चोरी की वारदात को सदर पुलिस द्वारा पुष्टि कर देने के बाद मात्र पांच हजार रुपये रिश्वत नहीं देने पर निजी क्षेत्र की बजाज एलाइंस बीमा कंपनी क्लेम नहीं दी। जिला उपभोक्ता फोरम में दायर मुकदमा का90 दिनों के अंदर निष्पादन होना था परंतु बिहार सरकार के जिला उपभोक्ता फॉर्म पर ध्यान नहीं रहने के कारण वर्षो से न्याय नहीं मिल रहा है। पीड़ित वाली न्याय को लेकर परेशान हैं।
फ़ोटो परिचय :चोरी गई बाइक की फाइल फोटो -नजरिया न्यूज
चोरी का मामला फरवरी 2021 का है। हीरो ग्लैमर बाइक कचहरी परिसर किशनगंज से चोरी हो गई थी। जिसकी शिकायत बजाज एलाइंस कंपनी को करने के बाद एफआईआर दर्ज कराया गया था पुलिस के द्वारा बजाज एलाइंस कंपनी को चार्जसीट उपलब्ध करा दी गई।
बजाज एलाइंस जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड के द्वारा अपने एजेंट को किशनगंज कचरी परिसर बाइक चोरी स्थल में जांच करवाई गई। इसी दौरान बजाज कंपनी के पटना हेड ऑफिस के कर्मी राकेश पाठक द्वारा पांच हजार रुपये एजेंट के द्वारा क्लेम पास करने के लिए रिश्वत मांगा गया। रिश्वत की राशि पूरी नहीं देने पर मनगढ़ आरोप लगाकर बाइक चोरी का क्लेम कैंसिल कर दिया गया।
कई लोगों ने बताया कि बजाज एलाइंस जनरल इंश्योरेंस लिमिटेड कंपनी ने कई दलाल रखे हैं जो ग्राहकों से इंश्योरेंस के नाम पर पैसे उगाही करते हैं। जब क्लेम देने की बारी आती है तो कंपनी मुकर जाती हैं। जिस कारण लोग क्लेम लेने के लिए वर्षो से कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाते रहते हैं। क्लेम नहीं देना अन्याय है।